NCERT Class 7 Hindi Sixth Chapter रक्त और हमारा शरीर Exercise Question Solution

NCERT Class 7 Hindi Sixth Chapter Rakt Aur Hamara Sarir Exercise Question Solution

रक्त और हमारा शरीर

पाठ से

(1) रक्त के बहाव को रोकने के लिए क्या करना चाहिए ?

Ans :- जब शरीर के किसी हिस्से पर घाव बन जाए और रक्त बहने लगे तो सर्वप्रथम उस स्थान पर साफ़ कपड़े को कसकर बाँध देना चाहिए ताकि रक्त के प्रवाह को रोका जा सके। इस तरह रक्त का प्रवाह तुरन्त रूक जाएगा परन्तु इस तरकीब से भी बात ना बने और रक्त का प्रवाह बना रहे तो तुरन्त ही डाक्टर के पास उपचार के लिए मरीज़ को लेकर जाना चाहिए।

(2) खून को भानुमतीका पिटारक्यों कहा जाता है ?

Ans :- क्योंकि रक्त दिखने में तो द्रव की भांति होता है परन्तु इसके विपरीत उसके अंदर एक अलग दुनिया का ही प्रतिबिम्ब होता है। रक्त दो भागों में विभाजित होता है – एक भाग तरल रूप में होता है जिसे हम प्लाज़्मा के नाम से जानते हैं, दूसरे भाग में हर प्रकार व आकार के कण होते हैं। कुछ सफ़ेद होते हैं तो कुछ लाल, और कुछ रंगहीन होते हैं। ये सब कण प्लाज़्मा में तैरते रहते हैं। रक्त का लाल रंग लाल कणों के कारण होता है क्योंकि रक्त की एक बूंद में इनकी संख्या करीब चालीस से पचपन लाख होती है। इनकी इसी अधिकता के कारण रक्त लाल प्रतीत होता है। इनका कार्य ऑक्सीजन को शरीर के एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचाना होता है। लाल कण के बाद सफ़ेद कणों का कार्य रोगाणुओं से हमारी रक्षा करना होता है और जो रंगहीन कण होते हैं जिन्हें हम बिंबाणु कहते हैं। इनका कार्य घाव को भरने में मदद करना होता है। इस प्रकार रक्त की एक बूँद अपने में ही जादुई दुनिया को समेटे हुए है जिसके लिए ‘भानुमती का पिटारा’ कहना सर्वथा उचित है।

(3) पनिमिया से बचने के लिए हमें क्या – क्या खाना चाहिए ?

Ans :- इससे पहले ये समझना आवश्यक है कि एनीमिया है क्या। जब हमारे शरीर को उचित पौष्टिक आहार मिल नहीं पाता तो हमारे शरीर में रक्त का निर्माण होना बन्द हो जाता है। शरीर में रक्त की कमी होने लगती है और रक्त में होने वाली लाल-कणों की इसी कमी को एनीमिया कहते हैं। इसलिए हमें चाहिए कि हम सदैव पौष्टिक आहार ही लें। जैसे – हरी सब्जियाँ, दालें, दूध, माँस-मछली, अंडे इत्यादि प्रचुर मात्रा में लें।

(4) पेट में कीड़े क्यों हो जाते हैं ? इनसे कैसे बचा जा सकता है ?

Ans :- जब हम बाहर का दूषित खाना व जल पीते हैं तो ये दोनों (दूषित खाना व जल) शरीर में पेट के कीड़ों के लिए वाहक के रूप में कार्य करते हैं। कुछ कीड़ों के लार्वे तो ज़मीन की ऊपरी सतह पर होते हैं इसलिए हमें चाहिए कि हम नंगे पैर इधर-उधर न घूमें और शौचालय का इस्तेमाल करने के पश्चात् साबुन से भली-भाँति हाथ धोएँ, बाहर का खाना न खाएँ व दूषित पानी न पीएँ आदि सावधानियों से स्वयं को इन पेट के कीड़ों से बीमार होने से बचा सकते हैं।

(5) रक्त के सफ़ेद कणों को वीर सिपाहीक्यों गया है ?

Ans:- सफ़ेद रक्त कणोंका कार्य शरीर में घर  बनारहे रोगाणु से हमारी रक्षा करना होता है।ये रक्त कणउन से एक वीर सिपाही की भांति लड़ते हैं और जहाँतक संभवहो सकेउन की कार्य क्षमता को शिथि लकर हमें उनसे सुरक्षा प्रदान कराते हैं। इसलिएइन्हें वीर सिपाही की संज्ञादी गईहै। एक वीर  सिपाही भीदे शकीरक्षाकरनेहेतु बाहरी ताकतों से लोहा लेता है और देशव उसकी सीमा को सुरक्षाप्रदान करता है।

(6) ब्लड-बैंक में रक्तदान से क्या लाभ है ?

Ans :- ब्लड बैंक को अस्पतालमें बनाने काउद्देश्य यह हैकिमरीज़ को रक्त की आवश्यकता होने परर क्तकी आपूर्तिकराई जा सके।हर मनुष्य का रक्त एक सा नहीं होता।रक्त को चारवर्गों में विभाजित किया जाता है।इसी रक्त विभाजन के आधार पर हर व्यक्तिको अलग-अलग रक्त समूह चढ़ाया जाता है।इसी आधार पर ब्लड बैंक                                                                                                                                                         कानिर्माणहु  आपरन्तु इस बैंक कोबनाए रखने के लिए रक्त की आवश्यकता होती है जो तभी संम्भव है जब हमसब समय-समय पर रक्तदान कराते रहें और ब्लडबैंक में रक्त काभण्डार बनाएरखें।क्योंकि यदि हम रक्त दान नकरेंतो ब्लड बैंक में रक्त की कमी हो जाए गी और ज़रूरत पड़ने पर मरीज़ों को रक्त की कमी कीवजह से परेशानियों से गुज़रना पड़ सकता है या फिर उनकी जान भी  जा सकती है।इसलिए हमें सदैव रक्त दान करना चाहिए वस बको इसके प्रति जागृत कराते रहना चाहिए।

(7) साँस लेने पर शुद्ध वायु से जो ऑक्सीजन प्राप्त होती है, उसे शरीर के हर हिस्से में कौन पहुँचता है –

सफ़ेद कण , लाल कण , साँस नली , फेफड़े

Ans :- साँस लेने पर शुद्ध वायु से जो ऑक्सीजन प्राप्त होती है, उसे शरीर के हर हिस्से में लाल कण पहुँचाते हैं।

पाठ से आगे

(1) रक्त में हीमोग्लोबिन के लिए किस खनिज की आवश्यकता पड़ती है –

जस्ता , शीशा , लोहा , प्लैटिनम

(2) बिंबाणु (प्लेटलैट कण) की कमी किस बीमारी में पाई जाती है –

टाइफायड , मलेरिया , डेंगू , फ़्राईलेरिया

भाषा की बात

(1) (क) चार महीने के होते – होते ये नष्ट हो जाते हैं –

इस वाक्य को ध्यान से पढ़िए। इस वाक्य में होते – होते के प्रयोग से यह बनाया गया है कि चार महीने से पूर्व ही ये नष्ट हो जाते हैं। इस तरह के पाँच वाक्य बनाइए जिनमें इन शब्दों का प्रयोग हो –

बनते – बनते , पहुँचते – पहुँचते , लेते – लेते , करते – करते

Ans :- (क) (i) मेरी नौकरी की बात बनते-बनते बिगड़ गई।

(ii) प्लेटफार्म में समय पर पहुँचते-पहुँचते भी हमारी गाड़ी छूट गई।

(iii) मेरे लेते-लेते भी सामान रह गया।

(iv) करते-करते भी कार्य समय पर नहीं हो पाया।

(ख) इन प्रयोगों को पढ़िए –

सड़क के किनारे – किनारे पेड़ लगे हैं।

आज दूर – दूर तक वर्षा होगी।

इन वाक्यों में होते-होतेकी तरह किनारे-किनारेऔर दूर-दूरशब्द दोहराए गए हैं। पर हर वाक्य में अर्थ भिन्न है। किनारे-किनारे का अर्थ है- किनारे से लगा हुआ और दूर-दूर का-बहुत दूर तक।

आप भी निम्नलिखित शब्दों का प्रयोग करते हुए वाक्य बनाइए और उनके अर्थ लिखिए

ठीक-ठीक,   घड़ी-घड़ी,   कहीं-कहीं,   घर-घर,   क्या-क्या

Ans :- (ख) (i)          ठीक-ठीक ( ठीक से ) :- ठीक-ठीक समय बताइए क्या वक्त हुआ है।

(ii)  घड़ी-घड़ी (हर घड़ी में) :- तुम घड़ी-घड़ी मुझसे पूछने मत आया करो।

(iii) कहीं-कहीं (कहीं पर) :- इस जगह पर कहीं-कहीं ही पानी मिलता है।

(iv) घर-घर (हर घर में) :- घर-घर जाकर हर बच्चे को पोलियो की दवा पिलाओ।

(v) क्या-क्या (और क्या) :- बच्चों को खाने में क्या-क्या अच्छा लगता है।

(2) इस पाठ में दिए गए मुहावरों और कहावतों को पढ़िए और वाक्यों में प्रयोग कीजिए-

भानुमती का पिटारा, दस्तक देना, धावा बोलना, घर करना, पीठ ठोकना

Ans :- (i) भानुमती का पिटारा (कभी न खत्म होने वाला) :- तुम्हारे दिमाग में तो हर समय भानुमती के पिटारे की तरह तरक़ीब आती रहती है।

(ii) दस्तक देना (खटखटाना) :- किस्मत ने मेरे दरवाज़े पर दस्तक दी है।

(iii) धावा बोलना (हमला करना) :- झाँसी की रानी ने अंग्रेज़ों पर धावा बोल दिया।

(iv) घर करना (समझ में आना) :- तुम्हारी बात मेरे दिमाग पर घर कर गई।

(v) पीठ ठोकना (शाबासी देना) :- चोर को पकड़ने पर पुलिस ने राघव की पीठ ठोकी।

कुछ करने को

(1) अपने परिवार के अट्ठारह बर्ष से पचास वर्ष तक की आयुवाले सभी स्वस्थ सदस्यों को रक्तदान के लिए प्रेरित कीजिए और समय आने पर स्वयं भी रक्तदान करने का संकल्प लीजिए।

(2) शरीर – रचना का चित्र देखकर उसमें रक्त – संचार क्रिया को ठीक – ठीक समझिए।

(3) नीचे दिए गए प्रश्नों के बारे में जानकारी एकत्र कीजिए –

(क) ब्लू बेबी क्या है ?

(ख) रक्त के जमाव की क्रिया में बिंबाणु (प्लेटलैट) का कार्य क्या है ?

(ग) रक्तदान के लिए कम – से – कम  कितनी उम्र होनी चाहिए ?

(घ) कितने समय बाद दोबारा रक्तदान किया जा सकता है ?

(ङ) क्या स्त्री का रक्त पुरुष को चढ़ाया जा सकता है ?

(4) शरीर के किसी अंग में अचानक रक्त – संचार रुक जाने से क्या – क्या परिस्थितियाँ उत्पन्न हो सकती हैं ?

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