NCERT Class 5 Hindi Eleventh Chapter चावल की रोटियाँ Ki ChawalRotiya Exercise Question Solution

NCERT Class 5 Hindi Eleventh Chapter Chawal Ki Rotiya Exercise Question Solution

चावल की रोटियाँ

नाटक की बात

(1) नाटक में हिस्सा लेने वालों को पात्र कहते हैं। जिन पात्रों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है उन्हें मुख्य पात्रऔर जिनकी भूमिका ज़्यादा महत्वपूर्ण नहीं होती है उन्हें गौण पात्रकहते हैं। बताओ इस नाटक में कौन-कौन मुख्य और गौण पात्र कौन हैं?

Ans :- इस नाटक में ‘कोको’, ‘मिमि’ और ‘तिन सू’ मुख्य पात्र हैं, वहीं ‘नीनी’ और ‘उ बा तुन’ गौण पात्र हैं।

(2) पात्रों को जो बात बोलनी होती है उसे संवाद कहते हैं। क्या तुम किसी एक परिस्थिति के लिए संवाद लिख सकती हो? (इसके लिए तुम टोलियों में भी काम कर सकती हो।) उदाहरण के लिए खो-खो या कबड्डी जैसा कोई खेल-खेलते समय दूसरे दल के खिलाड़ियों से बहस।

(3) क्या कभी आपने कोई चीज़ या बात दूसरों से छिपाई है या छिपाने की कोशिश की है, उस समय क्या-क्या हुआ था?

(4) कहते हैं, एक झूठ बोलने के लिए सौ झूठ बोलने पड़ते हैं। क्या तुम्हें कहानी पढ़कर ऐसा लगता है? कहानी की मदद से इस बात को समझाओ।

एक चावल कई – कई रूप

(1) कोको की माँ ने उसके लिए चावल की रोटियाँ बनाकर रखी थीं। भारत के विभिन्न प्रांतों में चावल अलग-अलग तरीके से इस्तेमाल किया जाता है– भोजन के हिस्से के रूप में भी और नमकीन और मीठे पकवान के रूप में भी। तुम्हारे प्रांत में चावल का इस्तेमाल कैसे होता है? घर में बातचीत करके पता करो और एक तालिका बनाओ। कक्षा में अपने दोस्तों की तालिका के साथ मिलान करो तो पाओगी कि भाषा, कपड़ों और रहन-सहन के साथ-साथ खान-पान की दृष्टि से भी भारत अनूठा है।

(2)अपनी तालिका में से चावल से बनी कोई एक खाने की चीज़ बनाने की विधि पता करो और उसे नीचे दिए गए बिंदुओं के हिसाब से लिखो।

सामग्री, तैयारी , विधि

Ans :-  सामग्री-

छोटी कटोरी – चावल

एक किलो –   दूध

एक कटोरी –  चीनी

आधा कटोरी –   बादाम

दो बड़े चम्मच –   देशी घी

इलायची  पीसी हुई –   आधा चम्मच

तैयारी-

चावल को अच्छी तरह से धो कर भिगोने के लिए रख दो।

दूध को गरम करने के लिए पतीले में रख दो।

बादाम को तीन-चार घंटे पहले ही पानी में भीगो दो। उसके बाद इसके छिलके उतारकर इसे पतले और लंबे टूकड़ों में काट लो।

विधि-

के , में , ने , को , से …..

कोको के माता-पिता धान लगाने के लिए खेतों में गए।

कोको की माँ ने उसके लिए चावल की रोटियाँ बनाईं।

एक ही चीज़ के विभिन्न रूपों के अलग-अलग नाम हो सकते हैं। नीचे ऐसे कुछ शब्द दिए गए हैं। उनमें अंतर बताओ।

चावल – धान – भात – मुरमुरा – चिउड़ा

साबुत दाल – धुली दाल – छिलका दाल

गेहूँ – दलिया – आटा – मैदा – सूजी

Ans :- चावल धान से निकला दाना चावल कहलाता है।

धान छिलका चढ़ा हुआ चावल धान कहलाता है।

भात पका हुआ चावल भात कहलाता है।

मुरमुरा धान को भाड़ में भूनने से वह मुरमुरा बन जाता है।

चिउड़ा धान को भिगाकर पीसने से चिउड़ा बनता है।

साबुत दाल दाल का पुरा दाना (जिसे तोड़ा न जाए) साबुत दाल कहलाता है।

धुली दाल बिना छिलके की दाल धुली दाल कहलाती है।

छिलका दाल छिलके वाली दाल छिलका दाल कहलाती है ।

गेहूँ एक अनाज जिससे आटा बनता है।

दलिया गेहूँ को मोटा-मोटा पीसा जाता है, वह दलिया कहलाता है।

आटा गेहूँ को बारीक पीस कर आटा बनता है।

मैदा आटे को और बारीक पीसकर मैदा बनायी जाती है।

सूजी गेहूँ जौ आदि से बना मोटा आटा सूजी कहलाता है।

कोको की माँ ने कल दुकान से एक फूलदान खरीदा था।

ऊपर लिखे वाक्य में जिन शब्दों के नीचे रेखा खिंची है वे वाक्य में शब्दों का आपस में संबंध बताते हैं। नीचे एक मज़ेदार किताब “अनारको के आठ दिन” का एक अंश दिया गया है। उसके खाली स्थानों में इस प्रकार के सही शब्द लिखो।

अनारको एक लड़की है। घर …………….. लोग उसे अन्नो कहते हैं। अन्नो नाम छोटा जो है, सो उस ………………. हुक्म चलाना आसान होता है। अन्नों, पानी ले आ, अन्नो धूप में मत जाना, अन्नो बाहर अँधेरा-कहीं मत जा, बारिश…………. भीगना मत, अन्नो! और कोई बाहर ………….. घर में आए तो घरवाले कहेंगे-ये हमारी अनारको है, प्यार से हम इसे अन्नो कहते हैं। प्यार …………….. हुँ-ह-ह!

आज अनारको सुबह सोकर उठी तो हाँफ रही थी। रात सपने …………… बहुत बारिश हुई। अनारको ……………. याद किया और उसे लगा, आज ……………… सपने में जितनी बारिश हुई उतनी तो पहले के सपनों ……………….. कभी नहीं हुई। कभी नहीं। जमके बारिश हुई थी आज …………………. सपने ………………    और जमकर उसमें भीगी थी अनारको। खूब उछली थी, कूदी थी, चारों तरफ़ पानी छिटकाया था और खूब-खूब भीगी थी।

Ans :- अनारको एक लड़की है। घर   के   लोग उसे अन्नो कहते हैं। अन्नो नाम छोटा जो है, सो उस   से  हुक्म चलाना आसान होता है। अन्नो, पानी ले आ, अन्नो धूप में मत जाना, अन्नो बाहर अँधेरा-कहीं मत जा, बारिश   में   भीगना मत, अन्नो! और कोई बाहर   से   घर में आए तो घरवाले कहेंगे – ये हमारी अनारको है, प्यार से हम इसे अन्नो कहते हैं। प्यार से   हुँ-ह-ह!

आज अनारको सुबह सोकर उठी तो हाँफ रही थी। रात सपने   में   बहुत बारिश हुई। अनारको  ने   याद किया और उसे लगा, आज   के   सपने में जितनी बारिश हुई उतनी तो पहले के सपनों   में   कभी नहीं हुई। कभी नहीं। जमके बारिश हुई थी आज

के    सपने   में   और जमकर उसमें भीगी थी अनारको। खूब उछली थी, कूदी थी, चारों तरफ़ पानी छिटकाया था और खूब-खूब भीगी थी।

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