NCERT Class 6 Hindi Second Chapter बचपन Exercise Question Solution

NCERT Class 6 Hindi Second Chapter Bachpan Exercise Question Solution

बचपन

संस्मरण सें

(1) लेखिका बचपन में इतवार की सुबह क्या-क्या काम करती थीं?

Ans :- लेखिका इतवार की सुबह पहले अपने मोज़ों व स्टॉकिंग को धोने और अपने जूतों को पालिश करने का काम करती थीं।

(2) ‘तुम्हें तुम्हें बताऊँगी कि हमारे समय और समय में कितनी दुरी हो चुकी है। इस बात के लिए लिखिका क्या – क्या उदाहरण देती हैं ?

Ans :- लेखिका के अनुसार आज और कल के समय में जो दूरी है वो इस प्रकार है − उस समय मनोरंजन का साधन ग्रामोफ़ोन था; परन्तु आज उसका स्थान रेडियो और टेलीविजन ने ले लिया है। पहले बच्चे कुलफ़ी खाना पसन्द किया करते थे; परन्तु आज उसकी जगह आइसक्रीम ने ले ली है। उस समय खाने में केवल कचौड़ी-समोसे होते थे, आज उनकी जगह पैटीज़ ने ले ली है। शहतूत, फ़ालसे और खसखस के शरबत का स्थान आजकल पेप्सी और कोक ने ले लिया है। यही वो दूरी है जो लेखिका ने बताई है।

(3) लेखिका अपने बचपन में कौन – कौन सी चीजें मज़ा ले – लेकर खाती थी ? उनमें से प्रमुख फ्ला के नाम लिखो।

Ans :- लेखिका बचपन में चाकलेट खाना बहुत पसंद करती थीं। वो हमेशा रात में खाने के बाद अपने बिस्तर में आराम व मज़े लेते हुए खाती थीं। इसके अलावा लेखिका को काफ़ल, रसभरी, कसमल और चेस्टनट बहुत पसन्द थे, वे चने भी खाती थीं ।

संस्मरण से आगे

(1) लेखिका के बचपन में हवाई जहाज की आवाज़ें , घुड़सवारी , ग्रामोफ़ोन और शोरूम में शिमला – कलका ट्रेन का मॉडल ही आस्चर्यजनक आधुनिक चीज़ें थी।  आज क्या – क्या आस्चर्यजनक आधुनिक चीज़ें तुम्हें आकर्षित करती हैं ? उनके नाम लिखो।

(2) अपने बचपन की कोई मनमोहक घटना याद करके विस्तार से लिखो।

अनुमान और कल्पना

(1) सन 1935 – 40 के लगभग लेखिका का बचपन शिमला में अधिक दिन गुजरा।  उन दिनों के शिमला के विषय में जानने का प्रयास करो।

(2) लेखिका ने इस संस्मरण में सरवर के माध्मम से अपनी बात बताने की कोशिश की है , लेकिन सरवर का कोई परिचय नहीं दिया है। अनुमान लगाओ की सरवर कौन हो सकता है ?

भाषा की बात   

(1) क्रियाओं से भी भाववाचक संज्ञाएँ बनती हैं। जैसे मारना से मार , काटना से काट , हारना से हार , सीखना से सिख , पलटना से पलट और हड़पना से हड़प आदि  भाववाचक संज्ञाएँ बनी हैं।  तुम भी इस संस्मरन से कुछ क्रियाओं को छाँटकर लिखो और उनसे भाववाचक  बनाओ

Ans :-

क्रिया  –    भाववाचक संज्ञा

चमकना  – चमक

भागना  –   भाग

बदलना  – बदल

खरीदना  – खरीद

ओढ़ना  –  ओढ़

(2) चार दिन , कुछ व्यक्ति , एक लीटर दूध आदि शब्दों के प्रयोग पर ध्यान दो तो पता चलेगा कि इसमें चार , कुछ और एक लीटर शब्द से  संख्या या परिमाण का आभास होता है , क्योंकि ये संख्यावाचक विशेषण हैं।  इसमें भी चार दिन से निशिचत संख्या का बोध होता है इसलिए इसे परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं।

अब तुम निचे लिखे वाक्यों को पढ़ो और उनके सामने विशेषण के भेदों को लिखो –

(क) मुझे दो दर्जन केले चाहिए।

(ख) दो किलो अनाज दे दो।

(ग) कुछ बच्चे आ रहे हैं।

(घ) सभी लोग हँस रहे थे।

(ड़) तुम्हारा नाम बहुत सुंदर है।

Ans :- (क) मुझे दो दर्जन केले चाहिए: निश्चित संख्यावाचक विशेषण

(ख) दो किलो अनाज दे दो: निश्चित परिमाणवाचक विशेषण

(ग) कुछ बच्चे आ रहे थे: अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण

(घ) तुम्हारा सारा प्रयत्न बेकार रहाः सार्वनामिक विशेषण

(ड़) सभी लोग हँस रहे थे: अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण

(च) तुम्हारा नाम बहुत सुंदर है: गुणवाचक विशेषण

(3) कपड़ों में मेरी दिलचस्पियाँ मेरी मौसी जानती थी।

इस वाक्य में रेखांकित शब्द ‘दिलचस्पियॉँ ‘ और ‘मौसी ‘ संज्ञाओ की विशेषता बता रहे हैं , इसलिए ये सार्वनामिक विशेषण हैं।  सर्वनाम कभी – कभी विशेषण का काम भी करते हैं।  पाठ में से ऐसे पाँच उदाहरण छाँटकर लिखो।

Ans :- (1) मैं तुम्हारी दादी भी हो सकती हूँ, तुम्हारी नानी भी।

(2) बचपन में हमें अपने मोज़े खुद ही धोने पड़ते थे।

(3) हम बच्चे इतवार की सुबह इसी में लगाते।

(4) कुछ एकदम लाल, कुछ गुलाबी, रसभरी कसमल।

(5) मैंने अपने छोटे भाई का टोपा उठाकर सिर पर रखा।

कुछ करने को

(1) अगर तुम्हें अपनी पोशाक बनाने को कहा जाए तो कैसी पोशाक बनाओगे और पोशाक बनाते  समय किन बातों का ध्यान रखोगे ? अपनी कल्पना से पोशाक  का डिज़ाइन बनाओ।

(2) तीन – तीन के समूह में अपने साथियों के साथ कपड़ों के नमूने इकट्ठा करके कक्षा में बताओ।  इन नमूनों को छूकर देखो और अंतर महसूस करो। यह भी पता

करो की कौन – सा कपड़ा किस मौसम में पहनने के लिए अनुकूल है।

(3) हथकरघा और मिल के कपड़े बनाने के तरीकों के बारे में पता करो। संभव हो तो किसी कपड़े के कारखाने में जाकर भी जानकारी इकट्ठी करो।

(4) हमारे देश में तरह – तरह के भोजन , तरह – तरह की पोशाकों प्रचलित हैं। कक्षा के बच्चे और शिक्षक इनके विविध रूपों के बारे में बातचीत करें।

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